जैसे आहार आपके लिए बेहद जरूरी है वैसे ही एक्सरसाइज करना भी उतना ही जरूरी माना जाता है। एक्सरसाइज करने से न सिर्फ आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि आप स्वस्थ रहते हैं जिससे कई बीमारियों से बचाव होता है। स्वस्थ रहने के लिए रोजाना व्यायाम करने की आदत डालें। इसकी आदत डालना शुरुआत में मुश्किल होगी, लेकिन यकीन मानिये कुछ दिनों बाद आप खुद में बदलाव देखने लगेंगे। फिर चाहे वेट लॉस करना हो या वेट गेन, नियमित रूप से व्यायाम करने से आपकी ज़िन्दगी बदल जायेगी।

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तो चलिए आपको इस लेख में हम एक्सरसाइज के बारे में जानकारी देते हैं जैसे एक्सरसाइज क्या होती है, कैसे करें, एक्सरसाइज के प्रकार, नियम, फायदे और नुकसान -

  1. व्यायाम क्या है - Exercise kya hai
  2. व्यायाम के प्रकार और एक्सरसाइज कैसे करें - Exercise ke prakar aur tarika
  3. व्यायाम करने के नियम - Vyayam karne ke niyam
  4. व्यायाम करने से क्या लाभ होता है - Exercise karne ke fayde
  5. व्यायाम से हानि होती है क्या - Exercise ke nuksan hote hain kya

व्यायाम एक शारीरिक गतिविधि है जो स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ाती है। एक्सरसाइज से मतलब किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधी से हो सकता है, जैसे चलना, दौड़ना, स्विमिंग या जिम जाने आदि। एक्सरसाइज करने से कई स्वास्थ्य लाभ जुड़े हुए हैं जैसे वजन घटना, बीमारीयों से बचाव (ह्रदय की बीमारी, टाइप 2 शुगर आदि), ताकत बढ़ना, लचीलेपन में सुधार, सहनशीलता बढ़ना, हड्डियों का स्वस्थ रहना और मूड अच्छा रहना।

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एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियां चार श्रेणियों में वर्गीकृत हैं - स्टैमिना, स्ट्रेंथ, संतुलन और लचीलापन। ज्यादतर लोग एक ही गतिविधि पर ध्यान देते हैं और सोचते हैं कि यह उनके लिए काफी है। लेकिन व्यायाम का प्रत्येक प्रकार अलग है। सभी को अच्छी तरह करने से आपको और अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। सभी प्रकार की एक्सरसाइज करने से आप बोर भी नहीं होंगे और चोट लगने का जोखिम भी कम होगा। हमने निम्नलिखित आपको व्यायाम के प्रकार बताये हैं –

1. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग -

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपकी मांसपेशियों को टोन रखती है। यह उनके आकार को भी बढ़ाती है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए आपकी मांसपेशियों को कुछ प्रकार की रेजिस्टेंस (अवरोध) के खिलाफ कार्य करने की जरूरत पड़ती है। इससे मांसपेशियां सिकुड़ेंगी, और जितना सिकुड़ी हुई मांसपेशियों पर कार्य होगा, उतना वो मजबूत बनेंगी।

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2. रेसिस्टेंस ट्रेनिंग -

अगर ध्यानपूर्वक अभ्यास किया जाए तो वेट ट्रेनिंग स्ट्रेंथ और सहनशीलता को बढ़ाने का बहुत अच्छा तरीका है। एरोबिक ट्रेनिंग को छोड़कर, रेसिस्टेंस ट्रेनिंग मांसपेशियों में स्माल माइक्रो टियर्स (small micro tears - जब आप किसी भी तरह का वेट उठाते हैं तो मसल फाइबर बहुत जरा से फट जाते हैं और सही मात्रा में प्रोटीन मिलने पर दुबारा ठीक हो जाते हैं) को उत्पन्न कर मसल मांस को बढ़ाने में मदद करती हैं। वेट ट्रेनिंग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर कर लें। वेट ट्रेनिंग दो प्रकार की होती है - फ्री वेट और वेट मशीन।   

  • फ्री वेट -
    कई मांसपेशियों पर कार्य करने के लिए आप फ्री वेट का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे डम्बल। वेट मशीन के मुकाबले फ्री वेट में कभी-कभी अधिक ताकत की आवश्यकता होती है, तो इस बात का ध्यान रखें कि वेट का चयन आपकी क्षमता के अनुसार ही होना चाहिए। वेट उठाते समय एक अच्छे ट्रेनर या कम से कम किसी को सहारा देने के लिए साथ जरूर रखें।
     
  • वेट मशीन - 
    वेट मशीन आमतौर पर छोटी मांसपेशियों पर ही कार्य करती हैं। वेट मशीन का इस्तेमाल करते समय हमेशा अत्यधिक सावधानी बरतें जैसे, इस बात का ध्यान रखें कि आपके हाथ और पैर मशीन में न फंसे। वेट मशीन का इस्तेमाल करते समय हमेशा फिटनेस ट्रेनर की मदद जरूर लें।

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3. लचीलापन -

मजबूत मांसपेशियां गति (मूवमेंट) के लिए बेहद जरूरी होती हैं और लचीलापन आपकी मांसपेशियों व जोड़ों को एक सही गति देने में मदद करता है। लचीलापन होने से मांसपेशियों में चोट की संभावना कम हो जाती है। एक प्रकार से, स्ट्रेचिंग अन्य तरह की एक्सरसाइज से पहले और बाद में की जानी चाहिए। स्ट्रेचिंग से आप अच्छा महसूस कर सकते हैं, लेकिन तब जब आप इन्हें अन्य गतिविधियों के साथ करते हैं। अगर आप इन एक्सरसाइज को सही तरीके से नहीं करते हैं तो आपको नुकसान पहुँच सकता है। अन्य गतिविधियां जो लचीलापन बढ़ाने में मदद करती हैं, जैसे योग

4. स्टैमिना - एरोबिक एक्सरसाइज

स्टेमिना का मतलब है कि आप बिना थके कितनी एक्सरसाइज कर सकते हैं। एरोबिक एक्सरसाइज आपके ह्रदय और फेफड़ों को मजबूत करती है, जिससे आपकी सहनशीलता बढ़ती है। यह कैलोरी और फैट को बर्न करने के लिए भी एक बेहतरीन तरह की एक्सरसाइज है। एरोबिक एक्सरसाइज से शुगर, ह्रदय की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को भी कम करने में मदद मिलती है। अगर आप कई दिनों से वेट ट्रेनिंग कर रहे हैं तो कुछ दिन एरोबिक एक्सरसाइज कर सकते हैं - जैसे रनिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग आदि।

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अगर आप व्यायाम करने के नियम नहीं जानते हैं तो आपको कई नुकसान पहुँच सकते हैं। निम्नलिखित हमने आपको एक्सरसाइज करने के नियम बताये हैं –

पहला नियम -

एक्सरसाइज शुरू करने से पहले जरूरी है कि आप "वार्म अप" करें। इससे मांसपेशियां खुलेंगी और चोट लगने का जोखिम भी कम होगा। वार्म अप में धीरे-धीरे जॉगिंग, इधर-उधर हाथ पैर हिलाना या एक जगह पर कूदना जैसी गतिविधियां करें। वार्म अप करने के लिए खुद को पांच मिनट जरूर दें और उस क्षेत्र पर अधिक ध्यान दें जिस क्षेत्र की एक्सरसाइज आपको बाद में करनी है।

दूसरा नियम -

स्ट्रेचिंग मांसपेशियों को खोलती है, इससे आपकी माँसपेशियों में तनाव नहीं आता। इसकी मदद से, तेज गति वाले व्यायाम करने के बाद होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। तो व्यायाम करने से पहले और व्यायाम करने के बाद स्ट्रेचिंग जरूर करें।

तीसरा नियम –

जिम का ट्रेनर आपके शरीर और जरूरतों के अनुसार आपको कुछ खास वर्कआउट प्लैन के बारें में बताएगा। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपको हमेशा वर्कआउट धीरे-धीरे शुरू करना है और एक्सरसाइज की गति एक के बाद एक करके बढ़ानी है। एकदम से सभी एक्सरसाइज को करने की कोशिश न करें।

चौथा नियम –

कई लोग एक गलत अवस्था के साथ एक्सरसाइज करते हैं और इस वजह से उन्हें चोट भी लग जाती है। उदाहरण के लिए, जब आप घुटनों को मोड़ें तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपका घुटना सही दिशा में झुका हुआ है या नहीं। वेट ट्रेनिंग के दौरान एक गलत अवस्था आपकी कमर को चोट पहुंचा सकती है। तो हमेशा अपनी अवस्था को ध्यान में रखकर व्यायाम करें। इसके अलावा शुरू करने से पहले आप जिम ट्रेनर की भी मदद ले सकते हैं।

पांचवा नियम –

रोजाना आप चाहे ट्रेडमिल कर रहे हो या वेट उठा रहे हो, इस बात का ध्यान रखें कि आप व्यायाम करते समय गहरी सांस जरूर लेते रहें। गहरी सांस लेने से आपके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुँचता है और पर्याप्त ऑक्सीजन से रक्त परिसंचरण भी बेहतर होता है। रोजाना जिम में एक्सरसाइज करने के अलावा, खुली जगह में भी हफ्ते में एक या दो बार व्यायाम करने की कोशिश करें। बदलाव के साथ-साथ, आपको ताजा और रिलैक्स महसूस होगा। (और पढ़ें - ट्रेडमिल पर दौड़ने के लाभ)

छठा नियम –

खाना खाने के बाद एकदम से वर्कआउट न करें। व्यायाम के बाद हमेशा दो घंटे का अंतराल जरूर रखें। एक्सरसाइज करने के बाद भी एकदम से न खाएं। कम से कम 15 से 20 मिनट का आराम करें। वर्कआउट के बाद आप क्या खाते हैं वो भी बेहद जरूरी है, क्योंकि आपका शरीर खाद्य पदार्थ से पोषण को तेजी से अवशोषित करने के लिए तैयार होता है। तो कुछ भी खाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका आहार पोषक होना चाहिए। (और पढ़ें - वर्कआउट से पहले क्या खाएं)

सातवां नियम –

प्रत्येक चार हफ्ते बाद अपने एक्सरसाइज रूटीन में बदलाव लाते रहें। अगर आप वही रूटीन को रोजाना अपनाते हैं तो समान परिणाम आपको कभी नहीं मिल सकते। अपने वर्कआउट में कभी-कभी बदलाव लाने से एक्सरसाइज से जुड़े रहने से भी प्रेरणा मिलती है।

आठवां नियम -

एक्सरसाइज करते समय अपनी बॉडी की सुनें। इस बात को सुनिश्चित कर लें कि जिस क्षेत्र की माँसपेशियों के लिए आप कार्य कर रहे हैं उस क्षेत्र पर किसी भी प्रकार का परिणाम दिख रहा है या नहीं। हालाँकि, अगर आपको व्यायाम के दौरान एकदम से शरीर के किसी भी क्षेत्र में अचानक से दर्द होता है, तो वही एक्सरसाइज करना बंद कर दें। एक्सरसाइज जारी रखने से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है। दर्द होने पर अपने डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से बात करें। (और पढ़ें - फिजियोथेरेपी क्या है)

नौवा नियम –

एक्सरसाइज खत्म करने के बाद आराम करें। आराम करने का मतलब यह नहीं है कि आप एक्सरसाइज बिल्कुल बंद कर दें, क्योंकि इससे आपको चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है। एक्सरसाइज करने के बाद चलते रहें या कुछ हल्के स्ट्रेच व्यायाम करें, जिससे आपकी सिकुड़ी हुई मांसपेशियां खुल सकें। (और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)

दसवां नियम –

एक्सरसाइज करने की अपनी आवृति, गति, समय और व्यायाम के प्रकार को ध्यान में रखें। इससे आपको वजन घटाने, लचीलापन और ऊर्जा के स्तर के संदर्भ में हो रही प्रगति का अंदाजा होगा। जब आपको किसी भी तरह की प्रगति दिखेगी, तो व्यायाम को जारी रखने में प्रेरणा मिलेगी।

व्यायाम करने से लाभ इस प्रकार हैं -

व्यायाम करने से आप खुश रहते हैं - Vyayam karne se aap khush rehte hai

व्यायाम से आपका मूड अच्छा होता है और चिंता, तनावडिप्रेशन की समस्या कम होती है। यह मस्तिष्क के उन हिस्सों में परिवर्तन पैदा करता है जो तनाव और चिंता को नियंत्रित करते हैं। यह सेरोटोनिन और नॉरएपिनेफ्रीन (norepinephrine) हार्मोन के लिए मस्तिष्क की संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे डिप्रेशन को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन का उत्पादन होता है। एंडोर्फिन के उत्पादन से मूड अच्छा होता है और दर्द का एहसास कम होता है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि, इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी तेज गति का वर्कआउट करते हैं। किसी भी गति का व्यायाम करने से आपका मूड हमेशा अच्छा रहेगा।

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व्यायाम करने से वजन कम होता है - Vyayam karne se vajan kam hota hai

कुछ शोध का कहना है कि सुस्त जीवनशैली वजन बढ़ने और मोटापे का कारण बनती है। वजन कम करने पर व्यायाम का प्रभाव जानने के लिए, जरूरी है कि आप व्यायाम और ऊर्जा की खपत के बीच के संबंध को समझें। आपका शरीर तीन तरीकों से ऊर्जा को खर्च करता है - खाना पचाने में, व्यायाम और शरीर के कार्य जैसे ह्रदय का धड़कना और सांस लेने में। जबकि डाइटिंग, कैलोरी की मात्रा को कम करेगी जिससे मेटाबोलिक स्तर कम हो जाएगा, ऐसे आपका वेट लॉस होना मुश्किल है। इसके विपरीत, रोजाना व्यायाम करने से आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे कैलोरी को बर्न करने और वजन कम करने में मदद मिलती है।    

(और पढ़ें - सिक्स पैक बनाने के तरीके)

एक्सरसाइज से आपकी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं - Exercise se apki muscles aur bones majboot hoti hai

व्यायाम मांसपेशियों और हड्डियों को बढ़ाने व मजबूती को बनाये रखने में मदद करता है। वेट उठाने जैसी शारीरिक गतिविधि पर्याप्त प्रोटीन सेवन के साथ सम्मिलित किये जाने पर मांसपेशियों के निर्माण को उत्तेजित कर सकती हैं। इससे मांसपेशियां बढ़ती हैं और उनको चोट लगने का खतरा भी कम होता है। बढ़ती उम्र की वजह से मांसपेशियां में मांस कम होने लगता है और हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं, जिससे आपको चोट आसानी से लग सकती है। रोजाना शारीरिक एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों को क्षति पहुँचने का खतरा कम होता है और बढ़ती उम्र में भी स्ट्रेंथ बनी रहती है। 

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शारीरिक व्यायाम के लाभ से उर्जा बढ़ती है - Sharirik vyayam ke labh se energy badhti hai

व्यायाम स्वस्थ लोगों के लिए एक प्रकार का एनर्जी बूस्टर (energy booster) है, साथ ही उनके लिए भी जो कई चिकित्सीय समस्याओं से पीड़ित हैं। एक शोध ने पाया कि, छः हफ्ते तक रोजाना व्यायाम करने से 36 लोगों को थकान का अनुभव नहीं हुआ, जिन्हें हमेशा थकान की समस्या रहती थी। इसके अलावा, व्यायाम पुरानी थकान की समस्या और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के ऊर्जा के स्तर को काफी बढ़ा देता है। बल्कि थकान का इलाज, जैसे रिलैक्सेशन और स्ट्रेचिंग थेरेपी के मुकाबले व्यायाम काफी ज्यादा प्रभावी माना जाता है। 

(और पढ़ें - एनर्जी बढ़ाने के उपाय)

एक्सरसाइज करे बीमारियों के जोखिम को कम - Exercise kare bimariyo ke jokhim ko kam

रोजाना शारीरिक गतिविधि की कमी बीमारी होने का एक प्रमुख कारण है। रोजाना व्यायाम करने से आपके शरीर की इन्सुलिन के प्रति संवेदनशीलता सुधरती है, ह्रदय स्वस्थ रहता है, शरीर में संतुलन बनता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और रक्त में वसा का स्तर भी कम होता है। इसके विपरीत, नियमित व्यायाम न करने से पेट की चर्बी बढ़ सकती है। पेट की चर्बी बढ़ने से टाइप 2 डायबीटीज, ह्रदय की बीमारी और अन्य बीमारियां हो सकती है। रोजाना व्यायाम करने से पेट की चर्बी घटती है और इन बीमारियों के बढ़ने का जोखिम भी कम होता है।   

(और पढ़ें - चेस्ट कैसे बनाएं)

व्यायाम के फायदे रखें त्वचा को स्वस्थ - Vyayam ke fayde rakhe twacha ko swasth

शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की मात्रा आपकी त्वचा को प्रभावित करती है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तब होता है जब शरीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्री रेडिकल्स के कारण कोशिकाओं को पहुँचने वाले नुकसान को ठीक नहीं कर पाते। इससे आपकी त्वचा अंदर से खराब हो सकती है और आपका सौंदर्य बिगड़ सकता है। बल्कि तेज गति और थका देने वाले व्यायाम ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकते हैं। रोजाना मध्यम गति के व्यायाम शरीर में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स को बढ़ाते हैं जिससे कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं।

(और पढ़ें - चेस्ट बनाने के तरीके)

एक्सरसाइज करने के फायदे से होती है याददाश्त तेज - Exercise karne ke fayde se badhti hai memory

व्यायाम मस्तिष्क के कार्यों को सुधारता है और याददाश्त व सोचने की क्षमता को सुरक्षित रखता है। इससे ह्रदय की गति बढ़ती है, जिससे मस्तिष्क तक रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है। यह हार्मोन के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है, इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं बढ़ती हैं। इसके अतिरिक्त, व्यायाम पुरानी बीमारियों से भी बचाता है। इसलिए व्यायाम करना स्वस्थ दिमाग के लिए बहुत आवश्यक है।

(और पढ़ें - दिमाग तेज करने के उपाय)

एक्सरसाइज करने से नींद अच्छी आती है - Exercise karne se neend achi aati hai

रोजाना व्यायाम करना आपको आराम देने और बेहतर नींद पाने में मदद करता है। व्यायाम के दौरान आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है, इससे नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलती है। इससे संबंधित कई शोध के परिणाम एक समान हैं। एक शोध ने पाया कि प्रत्येक हफ्ते 150 मिनट की मध्यम से तेज गति की एक्सरसाइज नींद की गुणवत्ता में 65% तक सुधार लेकर आती है। अन्य शोध से पाया गया कि 16 हफ्ते तक शारीरिक व्यायाम नींद की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं और किये गये अध्ययन में जिन 17 लोगों को अनिंद्रा की समस्या थी, उन्हें लम्बे वक़्त तक व गहरी नींद में सोने में मदद मिली।

(और पढ़ें - अच्छी नींद आने के घरेलू उपाय)

व्यायाम करने से पुराना दर्द कम होता है - Exercise karne se chronic pain kam hoti hai

पुराने दर्द से आपको कमजोरी आ सकती है, लेकिन व्यायाम वाकई में इससे छुटकारा दिलाने में मदद करता है। हाल ही में की गयी एक रिसर्च ने पाया कि व्यायाम पुराने दर्द को ठीक करने में मदद करता है। कई शोध ने पाया कि एक्सरसाइज दर्द को नियंत्रित करने में मदद करती है, जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित होते हैं, जैसे कई समय से कमर के निचले क्षेत्र में दर्द होना या कंधे में दर्द आदि।

(और पढ़ें - बॉडी बनाने के टिप्स)

व्यायाम के लाभ सेक्स लाईफ के लिए - Vyayam ke labh sex life ke liye

व्यायाम रोजाना करने से ह्रदय की प्रणाली मजबूत होती है, रक्त परिसंचरण सुधरता है, मांसपेशियां टोन होती हैं, लचीलापन बढ़ता है - इन परिणामों की मदद से आपकी सेक्स लाइफ सुधर सकती है। शारीरिक गतिविधियां यौन गातिविधियों को बढ़ाती हैं। किये गए एक शोध में, 40 के आसपास की महिलाओं के समूह ने महसूस किया कि वो व्यायाम को अपने जीवन में जोड़ने से अधिक ओर्गास्म का अनुभव कर रही हैं। साथ ही, 178 स्वस्थ पुरुषों के समूह में, जिन पुरुषों ने प्रत्येक हफ्ते अधिक व्यायाम किया उन्होंने अत्यधिक सेक्स पावर होने का अनुभव किया।

(और पढ़ें - सेक्स के फायदे)

व्यायाम करने से ऐसा कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, लेकिन ध्यानपूर्वक व्यायाम न करने से या नियमों का पालन न करने से आपको चोट भी लग सकती है। निम्नलिखित हमने आपको व्यायाम के नुकसान बताये हैं -

1. गलत तरह से व्यायाम करने से आपको चोट लग सकती है -

जब आप अधिक व्यायाम करते हैं तो आपके शरीर को अधिक चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। अधिक व्यायाम करने से मांसपेशियों में दर्द होना आम है। आपके शरीर को आराम की जरूरत है। अगर आप अधिक व्यायाम करते हैं तो आपके लिगामेंट्स (जोड़ों के चारों तरफ स्थित ऊतक की मज़बूत पट्टियां) और टेंडन्स (टेंडन्स वे उत्तक होते हैं जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़कर रखते हैं) में तनाव आ सकता है। इससे आपकी हड्डियों के टूटने का जोखिम बढ़ सकता है। अत्यधिक व्यायाम आपके शरीर के उत्तकों को भी हानि पहुंचा सकता है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज)

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2. गलत एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों के मांस पर प्रभाव पड़ता है -

अधिक व्यायाम करने से आपकी मांसपेशियों का मांस कम होता है और आपका शरीर पोषण की कमी से पीड़ित रहता है। आप अत्यधिक व्यायाम और डाइटिंग से शरीर को पोषण से दूर रख रहे होते हैं, जिसकी वजह से आपके स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

3. अत्यधिक एक्सरसाइज करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है -

जब आप अत्यधिक व्यायाम करते हैं तो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। आपके शरीर में वायरस और सर्दी जुकाम की संभावना बढ़ जाती है। व्यायाम आपके शरीर को प्रभावित करता है और पूरी तरफ से थका देता है। इसके अलावा, आपकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया या अन्य बीमारियों को मारने के लिए पर्याप्त कुशल नहीं होती।

(और पढ़ें - पेट कम करने की एक्सरसाइज)

4. ज्यादा व्यायाम करने से भोजन से संबंधित विकार होते हैं -

कई लोग वजन कम करने के लिए ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, इसकी वजह से उन्हें भोजन विकार होने लगता है। विकार जैसे बुलिमिया और एनोरेक्सिया की समस्या, ज्यादा व्यायाम करने वाले लोगों को प्रभावित कर सकती है।

5. अत्यधिक एक्सरसाइज करने से नींद का विकार हो सकता है -

कुछ रिसर्च में देखा गया कि अत्यधिक एक्सरसाइज करने वाले लोगों को नींद के विकार होने लगे थे, क्योंकि अत्यधिक व्यायाम करके वो बेहद थक जाते हैं और सुस्त हो जाते हैं। उन्हें एक जगह स्थिर बैठने में तकलीफ होती है। अत्यधिक व्यायाम से शरीर में अधिक दर्द भी होता है। इस वजह से आप अच्छे से सो नहीं पाते।

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